ख़ामोशी भी बोलती है...

ख़ामोशी भी बोलती है...


सुन पाओगे तुम.... ??

झुकी हुई पलकें..


कांपते हुए होंठ...


उखड़ती हुई साँसें...


बहती हुई आँखें...


ठहरे हुए कदम...


दबे हुए से गम...
सब बोलते हैं...

इन अहसासों के धागों को बुन पाओगे तुम...???

हाँ ..ख़ामोशी भी बोलती है....
सुन पाओगे तुम...???? 

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