कोई आज भी हँसता रहता है...

वो गालों के गहरे डिंपल, वो उलझी उलझी से ज़ुल्फ़ें

वो बच्चों से बेवाक हँसी, वो छोटी छोटी सी आँखें


वो मस्ती, वो अल्हडपंती


वो नटखटपन, वो नौटंकी


ये सबकुछ आँखों से अक्सर,


बेवक्त बरसता रहता है


मेरी पलकों के नीचे कोई,


आज भी हँसता रहता है।


Comments

Popular posts from this blog

New Age Smart Phone

जल्दी सूरज निकलेगा....

The Bonding