तुम मुस्कुराती हो तो..
सुनो तुम मुस्कुराती हो तो लगता है कि, उम्मीद की दुनियां अब भी ज़िन्दा है.. और अब भी सबकुछ उतना बुरा नहीं हुआ, जितना की ख़बरों में दिखता है... अब भी सूरज को निहारा जा सकता है अब भी पहाड़ों को पुकारा जा सकता है अब भी नदियों में नहाते हुए फोटो खिंचाई जा सकती है वो फोटो जो सिर्फ़ फेसबुक के लिये ना हो, बल्कि एक याद भी हो.... अब भी चिड़ियों के साथ गुनगुनाया जा सकता है अब भी अजनबियों से अपनापन जताया जा सकता है अब भी पड़ोसियों को गले लगा कर बधाईयाँ दी जा सकती हैं बिना किसी शक़ या संकोच के और अब भी छोटी छोटी कोशिशों से किसी रोते हुए चेहरे को, हँसाया जा सकता है... तो सुनो, मुस्कुरा दिया करो ना प्लीज... क्यूंकि इस वक्त मुझे और दुनियां, दोनों को ही, उम्मीदों की बहुत ज़रूरत है।