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Showing posts from August, 2016

सेल्समैन की मुस्कुराहट

वो जिससे भी मिलता है मुस्कुरा के मिलता है गली-नुक्कड़-मुहल्ला-ऑफिस-ट्रेन-बाजार या कुछ और.. कहीं भी रहे..मगर उसकी मुस्कराहट नहीं जाती । जाए भी कैसे,  उसे तो सिखाया ही गया है,  हर वक्त मुस्कुराना....इस उम्मीद में  कि वो बेच सके अपने उत्पाद..,उदासी के इस बाजार में सेल्समैन की मुस्कुराहट अपनी नहीं होती ।

Friendship Day

सुना है आज दोस्ती का दिन है । तो वो जो हम, collage जाते हुए.., ऑफिस जाते हुये..., नुक्कड़ पे चाय पीते हुये..,  धुआँ उड़ाते हुये...फ़ोन पे बात करते हुये.. या शाम को किसी एकांत में कांच के कुछ बर्तन टकराते हुये उन कमीनों के साथ रोज़ गुज़ारते हैं... वो क्या होते हैं ?? दोस्तों का दिन नही होता साहब...., दोस्तों से दिन होता है। ...दोस्ती मुबारक़ ।