सेल्समैन की मुस्कुराहट
वो जिससे भी मिलता है मुस्कुरा के मिलता है
गली-नुक्कड़-मुहल्ला-ऑफिस-ट्रेन-बाजार
या कुछ और..
कहीं भी रहे..मगर उसकी मुस्कराहट नहीं जाती ।
जाए भी कैसे,
उसे तो सिखाया ही गया है,
हर वक्त मुस्कुराना....इस उम्मीद में
कि वो बेच सके अपने उत्पाद..,उदासी के इस बाजार में
सेल्समैन की मुस्कुराहट अपनी नहीं होती ।
गली-नुक्कड़-मुहल्ला-ऑफिस-ट्रेन-बाजार
या कुछ और..
कहीं भी रहे..मगर उसकी मुस्कराहट नहीं जाती ।
जाए भी कैसे,
उसे तो सिखाया ही गया है,
हर वक्त मुस्कुराना....इस उम्मीद में
कि वो बेच सके अपने उत्पाद..,उदासी के इस बाजार में
सेल्समैन की मुस्कुराहट अपनी नहीं होती ।
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