हे स्त्री तुम्हें प्रणाम

शक्ति, सांस, ऊर्जा, प्रेरणा, भक्ति, आशा, 
उम्मीद, उमंग, ममता, जीत, प्रीत और ज़िन्दगी...
ये सारे वो शब्द हैं जिनके बिना मानव अधूरा है...
और इन सभी शब्दों का मूल हो 'तुम'
"हे स्त्री तुम्हें प्रणाम ।"

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