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Showing posts from 2016

किरकिरी...

बड़ा मन था उसे भी अपने बटुए में सजाने का... हमेशा, ज़िन्दगी भर को मगर तुमने उसे फूंका और वो खो गई गिरकर... जहाँ से आई थी उड़कर हवा के एक झोंके में हाँ वही... वही तो जिसे हमने निकाला था सलीके से तुम्हारी आँख से उस दिन.. वही किरकिरी..वो ख़ूबसूरत किरकिरी.. जो छू आई थी उस दिन, उस ज़मीन को, जिसे इत्तेफ़ाकन हम घर समझ बैठे थे.. वो किरकिरी तुमने फूंक दी ।

सेल्समैन की मुस्कुराहट

वो जिससे भी मिलता है मुस्कुरा के मिलता है गली-नुक्कड़-मुहल्ला-ऑफिस-ट्रेन-बाजार या कुछ और.. कहीं भी रहे..मगर उसकी मुस्कराहट नहीं जाती । जाए भी कैसे,  उसे तो सिखाया ही गया है,  हर वक्त मुस्कुराना....इस उम्मीद में  कि वो बेच सके अपने उत्पाद..,उदासी के इस बाजार में सेल्समैन की मुस्कुराहट अपनी नहीं होती ।

Friendship Day

सुना है आज दोस्ती का दिन है । तो वो जो हम, collage जाते हुए.., ऑफिस जाते हुये..., नुक्कड़ पे चाय पीते हुये..,  धुआँ उड़ाते हुये...फ़ोन पे बात करते हुये.. या शाम को किसी एकांत में कांच के कुछ बर्तन टकराते हुये उन कमीनों के साथ रोज़ गुज़ारते हैं... वो क्या होते हैं ?? दोस्तों का दिन नही होता साहब...., दोस्तों से दिन होता है। ...दोस्ती मुबारक़ ।

नशेड़ी मन..

मनचला मन, पी के आया था तेरी आँखों से कुछ मुहब्बत सा.. अब नशेड़ी है ता-उम्र नशा जीने को ।

आज भी हँसता रहता है..

वो गालों के गहरे डिंपल, वो उलझी उलझी से ज़ुल्फ़ें वो बच्चों से बेवाक हँसी, वो छोटी छोटी सी आँखें वो मस्ती, वो अल्हडपंती वो नटखटपन, वो नौटंकी ये सबकुछ आँखों से अक्सर, बेवक्त बरसत...

रिजल्ट आने से पहले

प्यारे दोस्तों, आज आपका रिजल्ट आने वाला है, और मैं समझ सकता हूँ कि आज सुबह से ही आपके मन में क्या क्या चल रहा होगा। आज का दिन रोज जैसा नहीं होगा, घड़ी में 4 तो रोज बजते हैं लेकिन आज ज़...

अड़ियल अतिथि

पहाड़ों का इनविटेशन.. (हाँ वही निमंत्रण..) नदियों का बुलावा... बादलों के संग यात्रायें... जंगलों के यहाँ उत्सव... ढाबों के संग चाय.... रेलों से चर्चायें... और खेतों से मुहब्बत... कितना कुछ तो रुका हुआ है इस अड़ियल अतिथि "संघर्ष" की वजह से.. ये कमीना जाये...तो फिर हम भी निकलें.. अपनी धुन में...पूरे करने सारे काम.. अपनी दुनियां...अपने राम ।

अच्छाई हमेशा रहेगी....

फिर ब्लास्ट हुआ, फिर बच्चे मारे गये.... "लोग बोलेंगे वो तो पाकिस्तान में हुआ...पाकिस्तानी बच्चे मारे गये...हमारे तो नहीं थे...और पाकिस्तान के साथ तो ऐसा ही होना है..,अपने किये कर्म तो निकलेंगे न ।" नहीं...जो मारे गये वो सिर्फ़ बच्चे थे...इंसानी बच्चे... देश कोई भी हो, लेकिन अब ये दुनियां सिर्फ दो ही तरह की विचारधाराओं की है...एक इंसानियत की और दूसरी जानवरियत की । इस बात को हर मुल्क को समझना होगा क्योंकि किसी भी मुल्क का आम इंसान नफ़रत और दहशत कभी नहीं चाहता । घटनाएं बहुत दर्द देती हैं... ये जो कुछ भी होता है सिर्फ इसलिये कि इंसानियत को डराया जा सके..अच्छाई को डराया जा सके...। लेकिन उन मुट्ठी भर लोगों शायद ये नहीं मालूम कि इंसानियत और अच्छाई ईश्वर की वो दिव्य रचनाएं हैं जो मुट्ठी भर बुराई से तो नहीं मिटने वालीं...तुम कुछ चींटियों से हम पहाड़ तो नहीं कटने वाले...अच्छाई ज़िंदा है और रहेगी । RIP इंसानों । प्रेम में सूरज सा तपा मन लेकर, रोज दुनियां को मुहब्बत का उजाला देंगे, इक तरफ़ तुम तुम्हारी सोच से नफ़रत बांटों इक तरफ़ हम तुम्हें नफ़रत में मलाला देंगे । - ...

प्रणाम स्त्री

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शक्ति, सांस, ऊर्जा, प्रेरणा, भक्ति, आशा, उम्मीद, उमंग, ममता, जीत, और ज़िन्दगी... ये सारे वो शब्द हैं जिनके बिना मानव अधूरा है... और इन सभी शब्दों का मूल हो 'तुम' "हे स्त्री तुम्हें प्रणाम ।" #Happy_Womans_Day